होलिका अपने भतीजे को गोदी में लेकर अग्नि में क्यों बैठी
14 मार्च को होली हैं। क्यों मनाई जाती है। होली पौराणिक कथाओं के अनुसार हिरण्यकश्यप पुत्र प्रहलाद विष्णु भगवान का भक्त था। प्रहलाद के पिता को ब्रह्माजी से वरदान मिला था। न दिन में मर सकते हैं न रात में न घर के अंदर मर सकते हैं और न ही घर के बाहर न अस्त्र से मर सकते हैं और न ही शस्त्र से, न नर से मर सकते हैं और न ही पशु से न आकाश में मर सकते हैं न पाताल में ब्रह्माजी से वरदान पाने के बाद प्रहलाद के पिता को अहंकार हो गया।अब तो मैं अमर हो गया हूँ मुझे कोई मार ही नहीं सकता। उसने अपने राज्य में ऐलान करवा दिया।आज से विष्णु की पूजा नहीं होगी। जो विष्णु की पूजा करेगा उसे मृत्यु दण्ड दिया जायेगा आज से मेरी पूजा होगीं। जो मेरी पूजा नहीं करेगा उसे मृत्यु दंड दिया जाएगा। मरने से बचने के लिए सब लोग उसकी पूजा करने लगे हिरण्यकश्यप अपने पुत्र बालक प्रहलाद से बोला आज से तुम विष्णु की पूजा नहीं करोगें विष्णु का नाम लेने वाले को मृत्यु दण्ड दिया जायेगा आज से सबका भगवान मैं हूँ आज से सब लोग मेरी पूजा करेगें मैं ही सबका भगवान हूँ बालक प्रहलाद बोले आप मेरे पिता श्री है।आप कैसे भगवान हो सकते है माता पिता...