भगवान विष्णु को विश्व का पालनहार माना जाता है -पुराण

 


भगवान विष्णु को विश्व का पालनहार माना जाता है |

पुराणों में त्रिमूर्ति विष्णु भगवान को विश्व का पालनहार माना जाता है हिन्दू धर्म के अनुसार, विष्णु ईश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप है त्रिमूर्ति के अन्य  दो भगवान शिव और ब्रम्हा को माना जाता है ब्रम्हा जी को विश्व का सृजन करने वाला माना जाता है और भगवान शिव को संहारक माना जाता है|

भगवान विष्णु के प्रमुख नाम 

विष्णु,नारायण,कृष्ण,बैकुंठ,हषीकेश,दामोदर,केशव,माधव,स्वयंभू,दैत्यारी,पूंडरीकाक्ष,गोविंद,गरुणध्वज,

पीतांबर,अच्युत,विश्वसेन,जनार्दन,उपेन्द्र,चक्रपाणि,चतुर्भुज,पदमाभ,मधुरिपु,वासुदेव,त्रिविक्रम,देवकीनंदन,

शौरि,श्रीपति,पुरुषोतम,वनमाली,बलिध्वंसी,कंसाराति,अधोक्षज,विश्वंभर,कैटभजित,विधुऔर श्रवस्तलांक्षनi

भगवान विष्णु के शंख का नाम है पाञ्चजन्य,चक्र का नाम है सुदर्शन, गदा का नाम है कौमोदकी, खडग[तलवार] का नाम है नंदक और के मणि का नाम कौस्तुभ है| 

तैतीस करोड़ देवी देवताओ में ब्रम्हा,विष्णु और महेश को सर्वोच्य स्थान प्राप्त है विष्णु भगवान को ईश्वर का प्रतिरूप माना जाता है विष्णु भगवान को ही सृष्टि का उत्पन्नकर्ता,पालक और संहारक कहा गया है विष्णु पुराण में वर्णन है की इस ब्रम्हांड के अस्तित्व में आने से पूर्व भी एक दिव्य शक्ति का अस्तित्व था हिन्दू धर्म में इस दिव्य शक्ति को परब्रम्हा परमात्मा कहा गया है उस समय पृथ्वी, आकाश,सूर्य,अन्तरिक्ष,जीवन,मृत्यु आदि कुछ भी नही था सम्पूर्ण ब्रम्हांड उस समय एक महाशुन्य था और उस महाशुन्य में परमात्मा नामक वह दिव्य शक्ति स्थित थी उस परमात्मा ने स्वयं को निराकार से साकार रूप देने के लिए स्वेच्छा से एकाग्र होकर विष्णु के रूप में आकार ग्रहण किया और ब्रम्हांड की रचना आरंभ की साकार रूप ग्रहण करने के बाद विष्णु भगवान ने पंच तत्वों आकाश,वायु,पृथ्वी,जल और अग्नि की उत्पति की श्रीविष्णु के नाभि से उत्पन्न कमल के मध्य भाग से ब्रम्हा जी का जन्म हुआ और उन्होंने सृष्टी के निर्माण का कार्य आरंभ किया श्री विष्णु ने सृष्टी के निर्माण के लिए अपने रजोगुण से ब्रम्हा जी की उत्पति की श्रीविष्णु ने तमोगुण एवं क्रोध के मिश्रण से भगवान शिव [रूद्र] को उत्पन्न किया और उन्हें संहार का दायित्व सौपा श्रीविष्णु से प्राप्त अदृश्य सूक्ष्मतम शक्ति का कुछ भाग ब्रम्हा जी प्रत्येक जीवधारी में स्थापित करते है यह अदृश्य सूक्ष्म शक्ति ही आत्मा है जिससे जीवन संचालित होता है यह आत्मा उस परमात्मा का ही अंश है जो ब्रम्हांड के पूर्व भी अस्तित्व में थाi

Comments

  1. ॐ विष्णवे नम:

    ReplyDelete
  2. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

    ReplyDelete
  3. Vishnu bhgwan ki jai Ho 🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  4. ,🙏🏻🙏🏻

    ReplyDelete
  5. ओम भगवते नमः 🙏🙏

    ReplyDelete
  6. ओम भगवते वासुदेवाय नमः🙏🙏

    ReplyDelete
  7. Shree Vishnu deway namah🙏🙏

    ReplyDelete
  8. जय श्री विष्णु भगवान।

    ReplyDelete
  9. om vasudevaya namah

    ReplyDelete
  10. ,😂🙏🏻🙏🏻

    ReplyDelete
  11. 🙏🏻🙏🏻

    ReplyDelete
  12. 🙏🏻🙏🏻

    ReplyDelete
  13. 🙏🏻🙏🏻

    ReplyDelete
  14. Om namo bhagvte vasudevay namah 🌹🌹

    ReplyDelete
  15. Jay Shri Hari 🌹🌹🌹🌹

    ReplyDelete
  16. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

    ReplyDelete
  17. ऊॅ हरी 🙏

    ReplyDelete
  18. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

    ReplyDelete
  19. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

    ReplyDelete
  20. Recomended for process more

    ReplyDelete
  21. अत्यंत रोचक जानकारी-कुटीर

    ReplyDelete
  22. उत्तम एवं रोचक जानकारी

    ReplyDelete
  23. Motivational and informative post

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

महर्षि दुर्वासा के ललाट से भष्म के गिरने से कुंभीपाक नरक स्वर्ग कैसे हो गया

भगवान शंकर की माया neelam.info

देवी षष्ठी ने राजा के मृत बालक को पुनर्जीवित कर दिया