भगवान विष्णु का - नृसिंह–अवतार

 


                       

भगवान विष्णु का - नृसिंह–अवतार

हिरण्याक्ष के मृत्यु के बाद हिरण्याक्ष का भाई हिरण्यकशिपु को जब ये समाचार मिला की उसके भाई को श्रीविष्णु ने मारा तो वह बहुत दुखी हुआ और प्रतिशोध की आग में जलने लगा अपने सेवको को आदेश दिया, देवगण पर अधिक से अधिक अत्याचार करो और स्वयं ब्रम्हाजी जी  की तपस्या करने के लिए महेंद्राचल पर्वत पर चला गया हिरण्यकशिपु ने इतनी कठोर तपस्या की कि उसके अधिकांश शरीर को चीटियाँ खा गई हिरण्यकशिपु की तपस्या से देवलोक का आसन हिलने लगा ब्रम्हाजी प्रगट हुए और उन्होंने हिरण्यकशिपु से कहा वरदान मागों,ब्रम्हाजी को साक्षात् अपने सामने देखकर हिरण्यकशिपु ने ब्रम्हाजी से अमरता का वरदान माँगा ब्रम्हाजी ने कहा यह संसार नश्वर है सृष्टि का यह नियम है की कोई भी प्राणी अमर नही हो सकता इस लिए ये वरदान नही दे सकते इसके बदले कोई और बरदान मागों तब हिरण्यकशिपू ने बोला हे प्रभु फिर मुझे ये वरदान दीजिए की मै न तो शस्त्र से मरु और न अस्त्र से, मेरी मृत्यु न घर के भीतर हो और ना घर के बाहर हो, मेरी मृत्यु न भूमि पर हो न आकाश में, मेरी मृत्यु न दिन में हो न रात्रि में, मेरी मृत्यु ना किसी मनुष्य से हो और ना ही किसी पशु से हिरण्यकशिप को मनवांछित वर देकर ब्रम्हाजी वहा से अंतर्धान हो गये|  www.neelam.info हिरण्यकशिपु वरदान पाते ही उसने ये घोषणा करवा दी की आज के बाद कोई भगवान की पूजा नही करेगा जो श्रीविष्णु की पूजा करेगा उसे मार दिया जायेगा| हिरण्यकशिपु के भाई को भगवान विष्णु ने मारा था, इस लिए उसने श्रीविष्णु को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान लिया जो भी भगवान विष्णु का नाम लेता उसे वे मृत्यु दंड देता था| हिरण्यकशिपु ने ये आदेश दिया आज से मै ही भगवान हु और आज से मेरी ही पूजा होगीं मै भगवान हिरण्यकशिपु हूँ, उसने भगवान विष्णु की पूजा बंद करवा दी और अपनी पूजा करवाने लगा | हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद  दिन- रात भगवान विष्णु का नाम जपता रहता था, हिरण्यकशिपु ने अपने पुत्र प्रहलाद से कहा अगर तुम विष्णु का नाम लिए तो तुम्हें मृत्यु दंड दिया जायेगा फिर भी प्रहलाद भगवान विष्णु का नाम जपता रहा| हिरण्यकशिपु को अपने पुत्र प्रहलाद से घृणा हो गया उसने प्रहलाद को पर्वत से निचे फिकवा दिया,प्रहलाद बच गये|विषधारी सर्पो से कटवाया फिर भी प्रहलाद बच गये, हिरण्यकशिपु ने जब भी प्रहलाद को मारना चाहा भगवान विष्णु अपने भक्त को बचाते रहें| हिरण्यकशिपु की एक बहन थी होलिका, उसको ये बरदान मिला था की वे आग से नही जलेगी| हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन से कहा प्रहलाद को अपनी गोद में ले करके अग्नि में बैठ जाओ प्रहलाद जल जायेगा| और तुम नही जलोगी हिरण्यकशिपु के आदेश से जब वे प्रहलाद को ले करके आग में बैठी तो वह जल गयी और प्रहलाद बच गये| बुराई का अंत और अच्छाई की जीत हुई, हिरण्यकशिपु की बहन की मृत्यु हुई हिरण्यकशिपु को क्रोध आ गया उसने प्रहलाद को एक खंभे से बांध दिया और तलवार ले करके बोला मै अंतिम बार कहता हूँ प्रहलाद विष्णु कही नही है तू मेरी पूजा का बचन दे, अगर तू मेरी पूजा करेगा तो तुझे मै छोड़ दूंगा| प्रहलाद बोले पिताश्री, मन की आखों से देखिये भगवान विष्णु प्रत्येक स्थान पर है इन जंजीरों में भी है जिनसे मै बंधा हूँ और इस खंबे में भी हैं हिरण्यकशिपु को क्रोध आ गया उसने प्रहलाद से कहा अब मै तुझे मारने जा रहा हूँ तेरा विष्णु इस खंबे से निकल कर तुझे बचाए हिरण्यकशिपु ने जैसे ही खंबे पर तलवार मारी खंबा चूर-चूर हो गया| खंबे से एक भयानक आकृति निकली उसका आधा शरीर नर का था और आधा सिंह का- भगवान विष्णु का यह रूप ‘नृसिंह’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ भगवान नृसिंह ने हिरण्यकशिपु को पकड़ कर महल के द्वार पर ले आए और उसे अपनी जंघाओं पर लिटाने के बाद अपने तीक्ष्ण नखो से उसका पेट चीर दिया,हिरण्यकशिपु ने वहीं दम तोड़ दिया उस समय न दिन था, न रात था- सायंकाल था,उसे न घर के अंदर और न ही घर के बाहर बल्कि द्वार पर मारा| वह न तो भूमि पर था और न ही आकाश में, भगवान श्रीहरी ने उसे अपनी जंघाओं पर मारा आधे नर और आधे सिंह के रूपधारी नृसिंह ने उसे किसी अस्त्र- शस्त्र से न मारकर अपने तेज नाखूनों से मारा इस प्रकार भगवान नृसिंह ने सभी शर्तो का निर्वाह किया था|       

Comments

  1. ऊॅ हरी म

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  2. ऊॅ भगवत वासुदेवाय नमः

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  3. हरि ऊँ नारायण

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  4. उत्तम प्रस्तुति 🙏

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  5. Knowledgeable note

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  6. Thoughtful blog

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  7. Intresting quote

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  8. Nice blog process

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  10. ॐ विष्णुवे नम:🙏

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  12. content of the text is very knowledgeable

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  14. Knowledgeable text

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  15. ज्ञान वर्धक

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  16. उत्तम

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  17. हरि ऊँ नारायण

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  18. Motivational and creative writing

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  19. उत्तम प्रस्तुति

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  20. अत्यंत रोचक जानकारी

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  21. Motivational and informative

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  22. हरि ऊँ नारायण

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  23. ऊॅ नमो नमः

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  24. ऊॅ नमः शिवाय

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  25. Good knowledgeable text

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  26. Knowledgeable & Intresting

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  27. Nice 👍👍👍

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  28. Very nice and knowledgeable text Giving knowledge to the young generation.🙏🙏

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  29. Very good amazing

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  30. Very good discription

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  31. Really an interesting and knowledgeable.

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  32. Amazing Story👌

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  33. ऊॅनमो नमः 🙏

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  34. उत्तम रचना

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  35. उत्तम एवं रोचक

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  36. Knowledgeable text

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  37. प्रेरक पोस्ट

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  38. Knowledgeable blog

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  39. Perfect blog post

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  40. सुन्दर भाव

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  41. Jai shri vishnu 🙏

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  42. Very nice and knowledgeable

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  43. Intresting blog

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  44. उत्तम एवं रोचक

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  45. जय श्री हरी

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  46. ऊॅ नमो नमः

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  47. ऊॅ नमः शिवाय

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  48. शुभकामनायें

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  49. Perfect storyline

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  50. Knowledgeable text

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  51. ऊॅ हरी

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  52. ऊॅ नमो नमः

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  53. प्रेरक कथा। 🙏

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  54. Perfect and knowledgeable note of subject

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  55. ऊॅ हरी

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  56. Very nice a d knowledgeable

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  57. श्रेष्ठ रचना

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  58. Perfect and knowing

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  59. Jai Shri Vishnu Dev🙏

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  60. Commendable and perfect

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  61. Good best wishes

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  62. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

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  63. ऊॅ नमः शिवाय

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  64. श्री हरी

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  65. उत्तम

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  66. Perfect and nice

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  67. Very Intresting and knowledgeable blog

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  68. Vishnu Avtaar🙏

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  69. Continue for series

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  70. Perfect blog on vishnu avtaar

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  71. Good notes for topic

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  72. ऊॅ नमः शिवाय 🙏

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  73. Nice Blog, process

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  74. उत्तम एवं रोचक

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  75. Full of knowledge

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  76. Right flow of text

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  77. ज्ञानवर्धक

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  78. Great and knowledgeable

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