होलिका को अग्नि देव वरदान दिए थे अग्नि से न जलने के लिए, होलिका अग्नि में कैसे जल गयी(neelam.info)

 

पौराणिक कथाओं के अनुसार होली इस लिए मनाई जाती है

हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष दो भाई थे, हिरण्याक्ष पृथ्वी को समुद्र के  अंदर छुपा दिया, श्रीविष्णुजी ब्रम्हाजी के नाक से वराह रूप में प्रगट हुए, समुद्र के अंदर से पृथ्वी उठाकर ले आए उसके वाद हिरण्याक्ष का बध किये I हिरण्याक्ष के मृत्यु के बाद हिरण्याक्ष का भाई हिरणकश्यप भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानने लगा, हिरण्यकश्यप को ब्रम्हाजी से वरदान मिला था तुम्हारी मृत्यु न रात में होगी न दिन में तुम्हारी मृत्यु न घर के अंदर होगी न घर के बाहर तुम्हारी मृत्यु न जानवर से होगी न मनुष्य से तुम्हारी मृत्यु न अस्त्र से होगी न शस्त्र से, हिरण्यकश्यप वरदान पाने के बाद अहंकारी हो गया वह खुद को भगवान मानने लगाI भगवान विष्णु का पूजा बंद करवा दिया, अगर कोई विष्णु पूजा करते हुए मिल गया तो उसे मृत्यु दण्ड दिया जाता था, हिरण्यकश्यप की पत्नी कयाधू ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम था प्रहलाद कयाधू अपने पुत्र के साथ कुछ दिन तक देवर्षि नारद के साथ आश्रम में रही, देवर्षि नारदजी प्रह्लाद को श्रीविष्णु की महिमा सुनाते थे, हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद श्री विष्णु की आराधना करने लगा और विष्णु भक्त हो गया प्रहलाद जब अपने पिता हिरण्यकश्यप के पास आए तो उन्होंने देखा चारों तरफ एक ही शब्द गूँज रहा था हिरण्यकश्यप भगवान की जय हो, प्रहलाद सबसे बोले ये मेरे पिताजी है ये भगवान नही है भगवान तो वे है जो हम सबकी रक्षा करते है श्री विष्णु भगवान जो समस्त संसार के पालनहार है, हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रहलाद से बोला मुझसे बड़ा बलशाली कोई है ही नही, इसलिए आज से तुम मेरी पूजा करोगें, प्रहलाद बोले पिताजी बलशाली होने से कोई भगवान नही बन सकताI  हमारे भगवान तो श्रीविष्णु है जो सबके पालनहार है जो कण-कण में निवास करते है जो हमारे अंदर है जो आपके अंदर है Iहिरण्यकश्यप बोला स्वर्ग पे मेरा अधिकार है सभी देवताये मेरे अधीन है सब मेरी पूजा करते है मै सबका भगवान हूँ, विष्णु हमारा दुश्मन है, आज के बाद तुम विष्णु की पूजा नहीं करोगे अगर तुमने विष्णु का नाम लिया तो तुम्हें मृत्यु दण्ड दिया जायेगाI बालक प्रहलाद बोले पिताश्री भगवान विष्णु हमारे पालनहार है, श्रीविष्णु मेरे रक्षक है हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रहलाद को पहाड़ से नीचे गिरा दिया प्रहलाद को खरोच तक नही आईI

श्रीविष्णु बालक प्रहलाद को अपने गोदी में ले लिए, बालक प्रहलाद को सर्प कुंड में छोड़ दिया गया श्रीविष्णु  प्रहलाद को सर्पकुंड से भी बचा लिए, बालक प्रहलाद को समुद्र में फेक दिया गया प्रहलाद को समुद्रदेव बचा लिये, हिरण्यकश्यप अपनी बहन सिंहिका से बोला विष्णु मेरे ही पुत्र को मेरा बैरी बना दिया है, जितनी बार उसकी मृत्यु करने का प्रयास कर रहे है वे फिर भी जीवित बच जा रहा हैI हिरण्यकश्यप की बहन होलिका बोली भ्राताश्री अग्निदेवता मुझे वरदान दिए है अग्नि मुझे भष्म नहीं कर सकती अग्नि से न जलने का मुझे वरदान मिला है, प्रहलाद को अपने गोदी में लेकर अग्नि में बैठ जाउंगी प्रहलाद अग्नि में जल जायेगा I अग्नि जलाई गई हिरण्यकश्यप की बहन होलिका प्रहलाद को गोदी में लेकर जलती अग्नि में बैठ गयी आग जलने लगी श्रीविष्णु की कृपा से प्रहलाद को अग्नि स्पर्श हुआ ही नही और हिरण्यकश्यप की बहन होलिका अग्नि में जल गयी, हिरण्यकश्यप अग्नि देवता के पास गया हिरण्यकश्यप अग्नि देवता से बोला अग्नि से न जलने का वरदान दिया था मेरी बहन को जब उसको वरदान था अग्नि से न जलने का,तो मेरी बहन अग्नि में कैसे जल गयी अग्नि देवता बोले तुम्हारी बहन होलिका को वरदान देते हुए मैंने बोला था इसका उपयोग अपनी सुरक्षा के लिए करना इस वरदान का जिस दिन दुरूपयोग करोगी उसी दिन तुम अग्नि में जल जाओगी I आपकी बहन होलिका बालक प्रहलाद को गोदी में ले करके बैठी थी अधर्म करने जा रही थी, इसलिए आपकी बहन होलिका अग्नि में जल गयी, होली इस लिये मनाई जाती है, अधर्म पर धर्म की विजय हुई थी, बुराई का अंत और अच्छाई की  जीत हुई थी, बुराई को मिटाने के लिए हम होलिका दहन करते हैI होली प्रेम का त्यौहार है एक दुसरे से गले मिलने का पर्व हैI  

Comments

  1. आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनायें

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  2. 👍👍Happy Holi

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  3. आप सभी देशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  4. content of the text is very knowledgeable-wiliam

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  7. अत्यंत रोचक जानकारी ढेर सारी शुभकामनायें

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  8. आप सभी देशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🙏

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  10. उत्तम रचना नवचेतना

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  12. अत्यंत रोचक जानकारी ढेर सारी शुभकामनायें- समर्पण सेवा

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  13. उत्तम प्रस्तुति-आध्यात्मिक संघ

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  19. 'अग्निदेवता मुझे वरदान दिए है अग्नि मुझे भष्म नहीं कर सकती'-होलिका को यह वरदान क्यो मिला था? कृपया जानकारी दे- नवकुंज संस्था

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    1. होलिका अग्निदेव की उपासक थी होलिका की तपस्या से प्रसन्न होकर अग्निदेव होलिका को वरदान दिये थे

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    2. धन्यवाद 🙏

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  20. Excellent post by neelam.info-Patra Prakashan

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  21. उत्तम विचार-कलाकुंज

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  22. अत्यंत रोचक जानकारी ढेर सारी शुभकामनायें- समर्पण सेवा

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  23. उत्तम प्रस्तुति

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  24. Nice Post, Thanks to share

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  25. अत्यंत सुन्दर प्रस्तुति -शिवकुंज

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  26. प्रहलाद सबसे बोले ये मेरे पिताजी है ये भगवान नही है भगवान तो वे है जो हम सबकी रक्षा करते है श्री विष्णु भगवान जो समस्त संसार के पालनहार है-उत्तम रचना

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